yaad hai
क्या याद भी है तुझे?
तेरे कमी का एहसास आज भी है मुझे...
बरसों से छुपाये जस्बात क्या याद भी है तुझे?
तेरे यादों से जुड़े हर लम्बे में जीना चाहु...
तू चाहे या ना चाहे तुज़पे में मर जाऊ...
तेरे दामन से जुड़े हर छोटी चीज से वाकिफ हु मै...
फिर भी नजाने क्यों तेरे से अनजान हु...
तेरे साथ होने ना होने से अब फर्क नहीं पड़ता मुझे...
हकीकत में ही नहीं सही यादों में तू साथ है ना मेरे?
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